आज की चन्द पंक्तियां / शेर

आज की चन्द पंक्तियां / शेर

एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़,
मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है।

- अहमद फ़राज़

बन्द करो मधु की रस-बतियां, जाग उठा अब विष जीवन का

सुनिए, गोपालदास "नीरज" जी की कविता "बन्द करो मधु की रस-बतियां, जाग उठा अब विष जीवन का”